Sukanya Samriddhi Yojana in Hindi: केंद्र सरकार द्वारा चलाई जाने वाली सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana – SSY) एक तरह की निवेश बचत योजना है। यह देश की 10 वर्ष से कम आयु की बालिकाओं के माता-पिता को उनके भविष्य को सुरक्षित करने हेतु निवेश करने के लिए आकर्षित करती है। यह योजना बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना का ही एक भाग है। इस योजना के तहत माता-पिता द्वारा बालिकाओं का निवेश खाता खोला जाता है जो 21 साल या 18 साल की आयु के बाद उसकी शादी तक संचालित किया जाता है। लेकिन इस खाते में 15 साल तक निवेश करना अनिवार्य है। सत्र 2022-23 के लिए इस खाते पर निवेश की गई धनराशि पर 7.6% की दर से ब्याज प्रदान किया जाएगा और साथ ही इस योजना के तहत 1 साल में अधिकतम 1.5 लाख रुपए निवेश करने पर आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80C के तहत टैक्स में छूट भी प्रदान की जाएगी।
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सुकन्या समृद्धि योजना के लाभ (Benefits of Sukanya Samriddhi Yojana)
- मोदी सरकार द्वारा देश की 10 साल की आयु से कम की बालिकाओं के भविष्य को आर्थिक तंगी से बचाने के लिए इस योजना को संचालित किया गया है।
- यह योजना खाताधारक को निवेश राशि पर 7.6% की दर से ब्याज प्रदान करती है जो टैक्स फ्री होता है।
- केंद्र सरकार द्वारा संचालित की जाने वाली अन्य योजनाओं के तुलना में Sukanya Samriddhi Yojana 2022 निवेशकों को अधिक ब्याज दर पर गारंटी के साथ रिटर्न प्रदान करती है।
- निवेशक इस योजना के तहत अपनी वित्तीय स्थिति के अनुसार हर साल न्यूनतम ₹250 और अधिकतम 1.5 लाख रुपए तक निवेश कर सकता है।
- इस योजना के तहत आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत हर साल ₹500000 तक के कर में छूट प्रदान की जाती है।
समृद्धि योजना का एक परिवार की कितनी बालिकाओं को मिलेगा लाभ
केंद्र सरकार द्वारा Samriddhi Yojana के तहत एक परिवार की केवल दो बालिकाओं का ही निवेश खाता खोलने की अनुमति है। लेकिन कुछ विशेष मामलों में एक परिवार की दो से अधिक बालिकाओं का निवेश खाता खोला जा सकता है।
- अगर जुड़वा या तिड़वा बालिकाओं के जन्म से पहले एक बालिका का जन्म होता है या पहले एक साथ तीन बच्चे जन्म लेते हैं तो तीसरा खाता खोला जा सकता है।
- अगर जुड़वा या तिड़वा बालिकाओं के जन्म के बाद एक ओर बालिका का जन्म होता है तो बस जुड़वा या तिड़वा बालिका का ही निवेश खाता खोला जा सकता है ना कि उनके बाद जन्मी बालिका का।
सुकन्या समृद्धि योजना 2022 का उद्देश्य (Objective of Sukanya Samriddhi Yojana 2022)
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का इस योजना को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य बालिकाओं को भविष्य में आने वाली आर्थिक समस्या से बचाना है। क्योंकि इस महंगाई के दौर में मिडिल क्लास परिवार से संबंध रखने वाले माता-पिता को अपनी बालिकाओं को उच्च शिक्षा प्राप्त करवाते समय और शादी करते समय बहुत अधिक आर्थिक समस्या से जूझना पड़ता है। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री जी ने Sukanya Samriddhi Yojana की शुरुआत की है। इस योजना के तहत देशभर के कोई भी मिडिल क्लास परिवार से संबंध रखने वाले माता पिता या कानूनी अभिभावक आसानी से निवेश कर सकते हैं। क्योंकि इस योजना के तहत खोले गए खाते में न्यूनतम 250 रुपए तक निवेश किया जा सकता है। इस समय सुकन्या समृद्धि योजना 2022 देश में लड़कियों को एक आत्मनिर्भर जीवन जीने की हकदार बना रही है और साथ ही उन्हें उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रेरित कर रही हैं।
सुकन्या समृद्धि स्कीम के तहत पात्रता (Eligibility under Sukanya Samriddhi Scheme)
- बालिका के माता-पिता या कानूनी अभिभावक द्वारा ही बालिका का सुकन्या समृद्धि खाता खोला जा सकता है।
- माता-पिता या अभिभावक को भारत का स्थाई निवासी होना अनिवार्य है।
- 10 वर्ष की आयु से कम की बालिका का ही इस योजना के तहत निवेश खाता खोला जा सकता है।
- एक परिवार की केवल 2 लड़कियों का ही इस योजना के तहत निवेश खाता खोला जा सकता है। यदि किसी परिवार में एक लड़की के बाद जुड़वा लड़कियां जन्म लेती है तो इस दशा में जुड़वा लड़कियों का अलग-अलग निवेश खाता खोला जा सकता है।
आवश्यक दस्तावेज़ (Required Documents)
- माता-पिता या कानूनी अभिभावक का आधार कार्ड, पैन कार्ड, पहचान पत्र (जिनके द्वारा खाता संचालित किया जाता है)
- बालिका का जन्म प्रमाण पत्र,
- निवास प्रमाण पत्र
- चिकित्सा प्रमाण पत्र
- बैंक या डाकघर द्वारा मांगे जाने वाले सभी आवश्यक दस्तावेज़
सुकन्या समृद्धि योजना के तहत निर्धारित ब्याज दरें (Interest rates fixed under Sukanya Samriddhi Yojana)
वित्तीय सत्र | निर्धारित ब्याज दरें |
अप्रैल से जून 2022 (पहली तिमाही, वित्तीय सत्र् 2022-23) | 7.6% |
जनवरी से मार्च 2022 तक (चौथी तिमाही, वित्तीय सत्र् 2021-22) | 7.6% |
अक्टूबर से दिसंबर 2021 तक (तीसरी तिमाही, वित्तीय सत्र् 2021-22) | 7.6% |
जुलाई से सितंबर 2021 तक (दूसरी तिमाही, वित्तीय सत्र् 2021-22) | 7.6% |
अप्रैल से जून 2021 तक (पहली तिमाही, वित्तीय सत्र् 2021-22) | 7.6% |
जनवरी से मार्च 2021 तक (चौथी तिमाही, वित्तीय सत्र् 2020-21) | 7.6% |
अक्टूबर से दिसंबर 2020 तक (तीसरी तिमाही, वित्तीय सत्र् 2020-21) | 7.6% |
जुलाई से सितंबर 2020 तक (दूसरी तिमाही, वित्तीय सत्र् 2020-21) | 7.6% |
अप्रैल से जून 2020 तक (पहली तिमाही, वित्तीय सत्र् 2020-21) | 7.6% |
जनवरी से मार्च तक (चौथी तिमाही, वित्तीय सत्र् 2019-20) | 8.4% |
अक्टूबर से दिसंबर 2019 तक (तीसरी तिमाही, वित्तीय सत्र् 2019-20) | 8.4% |
जुलाई से सितंबर 2019 (दूसरी तिमाही, वित्तीय वर्ष 2019-20 | 8.4% |
अप्रैल से जून 2019 तक (पहली तिमाही, वित्तीय सत्र् 2019-20) | 8.5% |
जनवरी से मार्च 2019 तक (चौथी तिमाही, वित्तीय वर्ष 2018-19) | 8.5% |
अक्टूबर से दिसंबर 2018 तक (तीसरी तिमाही, वित्तीय सत्र् 2018-19) | 8.5% |
जुलाई से सितंबर 2018 तक (दूसरी तिमाही, वित्तीय वर्ष 2018-19) | 8.1% |
अप्रैल से जून 2018 तक (पहली तिमाही, वित्तीय वर्ष 2018-19) | 8.1% |
अक्टूबर से दिसंबर 2017 तक (तीसरी तिमाही, वित्तीय वर्ष 2017-18) | 8.3% |
जुलाई से सितंबर 2017 तक (दूसरी तिमाही, वित्तीय वर्ष 2017-18) | 8.3% |
अप्रैल से जून 2017 तक (पहली तिमाही, वित्तीय वर्ष 2017-18) | 8.4% |
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