मनरेगा में सेवायोजन पोर्टल के जरिये 1,278 संविदा कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया को प्रदेश सरकार ने निरस्त कर दिया है। फर्स्ट कम फर्स्ट सर्व आधार पर होने वाली भर्ती में पोर्टल बंद होने और अभ्यर्थियों की ओर से हुई परेशानी को लेकर अमर उजाला के मंगलवार के संस्करण में प्रकाशित खबर के बाद शासन ने यह निर्णय लिया है। अब मनरेगा के संविदा कर्मियों की भर्ती लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के आधार पर की जाएगी।
मनरेगा में प्रदेश के 18 मंडलों के 74 जिलों में मनरेगा में सहायक कार्यक्रम अधिकारी के 191, सहायक लेखाकार के 197, कंप्यूटर ऑपरेटर के 116 और तकनीकी सहायक के 774 पदों सहित कुल 1278 पदों पर संविदा कर्मियों की भर्ती की जानी है। ग्राम्य विकास विभाग ने सेवायोजन पोर्टल पर फर्स्ट कम फर्स्ट सर्व प्रक्रिया के आधार पर सोमवार से ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू की थी। इस प्रक्रिया में एक पद के लिए तीन गुना आवेदन मिलते ही सरवर बंद हो गया। अभ्यर्थियों ने सरवर बंद होने का विरोध करते हुए लखनऊ में शासन के उच्च अधिकारियों को शिकायत करते हुए नाराजगी भी जाहिर की।
अमर उजाला ने मंगलवार के संस्करण में ‘मनरेगा में संविदा कर्मी भर्ती के लिए आवेदन शुरू, पहले ही दिन सरवर ने धोखा दिया’ शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार ने मंगलवार को फर्स्ट कम फर्स्ट सर्व के तहत होने वाली भर्ती को औचित्यपूर्ण और तर्कपूर्ण नहीं माना। उन्होंने माना कि सेवायोजन पोर्टल पर तीन गुना आवेदन प्राप्त होते ही पोर्टल बंद होना न्यायोचित भी नहीं है। उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया सभी को समान अवसर प्रदान नहीं करती है और नैसर्गिग न्याय के विपरीत है।
अब लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के जरिये होगी भर्ती
मनोज कुमार सिंह के मुताबिक अब संविदा कर्मियों की भर्ती लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के जरिये की जाएगी। इसके लिए हर जिले में रिक्त पदों का विज्ञापन जारी किया जाएगा। उन्होंने ग्राम्य विकास आयुक्त को इसके लिए एजेंसी का चयन कर कार्यवाही शुरू करने के निर्देश दिए हैं।
आवेदन की जांच होगी एसीएस मनोज कुमार सिंह ने ग्राम्य विकास आयुक्त से जवाब मांगा है कि मनरेगा के अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी के आवेदन किस कम्प्यूटर आईपी से किस-किस समय अपलोड किए गए।